Thursday, 12 April 2018

आज मन उदास है।

आज मन मेरा बहुत उदास है।
इस उदासी की वजह मेरे पास है।।
जहाँ संसार में जीत हासिल करके भारतीय।
हमारा नाम ऊँचा कर रहे है।।

वहीं हमारे देश के कुछ लोग अपनी करतूतों से।
हमारी नजरे नीचे कर रहे है।।
कहीं एक जवान महिला की।
तो कहीं एक मासूम बचची की।।
इजजत से खेल रहे हैं।

क्या हमारा समाज इतना सुरक्षित नहीं रहा।
जहाँ हम अपनी बहू-बेटियों की रक्षा भी नहीं कर पा रहे हैे।।
तभी तो आए दिन ऐसे दृदनाक व शरमनाक ।
समाचार आ रहे है।।

कभी इस भूमि को देव-भूमि कहा जाता था।
आज उसी देवता के मंदिर के अंदर।।
यह हेवानियत फैला रहे है।

अरे देश के सूत्रधारो, थोड़ा इन पर भी धयान दो।
जिस सता के पीछे भाग रहे हो।।
उसकी जनता का भी धयान करो।
मिसाल ऐसी बनाओ कि कोई फिर न ऐसा पाप कर पाये।।

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