Sunday 31 March 2024

दिमाग और दिल के बीच की लड़ाई

 


नमस्कार साथियों

        आज के लेख में, मैं दिल और दिमाग की लड़ाई के बारे में लिख रही हूं। यह जो स्थिति है इसका सामना हर किसी को करना पडता है। फिर चाहे एक छोटी सी चीज लेनी हो या बङा निर्णय करना हो। यह दोनों आपस में बहुत भिङते है कभी दिल जीतता है, तो कभी दिमाग। 

       जैसा कि आप सब जानते है कि यह दोनों ही हमारे लिए  महत्वपूर्ण है। इन दोनों के द्वारा लिए गए निर्णयों से हमारा जीवन व शरीर चलता है।

     जहां दिल एक छोटे, जिद्दी और अल्हड बच्चे की तरह व्यवहार करता है, वहीं दिमाग एक बङे बुर्जुग समझदार की भुमिका निभाता है। 

       यहां यह बात भी सर्वमान्य है कि दिल के बजाय अगर दिमाग की बात मानी जाए तो वह अधिकतर सही होती है। क्योंकि दिल की मानी बात अधिकतर एक मीठी चाकलेट की तरह होती है जो बहुत अच्छी लगती है चाहे वो नुकसान दें।

       जबकि दिमाग की बात (हर बार नहीं) एक कङवी दवाई की तरह होती है जो आगे जाकर फायदेमंद ही होती हैं। इसके कई सारे उदाहरण है जहां दिमाग की बजाए दिल  की बात मानकर नुकसान उठाना पङता है। और यह हम सबके साथ कभी न कभी होता हैं।

       उदाहरण के लिए  रावण, कंस और द्रुयोधन जिनका दिमाग जानता था कि वह कितनी बङी गलती कर रहे है परन्तु अपनी दिल की मानकर उन्होंनें कितना नुकसान उठाया। यह तो पुरानी बातें है और सीख भी है कि हमेशा दिल सही नहीं होता बल्कि हर काम दिमाग से सोच-समझकर करना चाहिए। 

       अब आते है अपने ऊपर, आज भी ऐसा ही होता है हमारा दिमाग जानता है कि हम गलत कर रहे है पर अपने दिल की मानकर हम गलत कर ही देते हैं। जैसे कि आजकल हर कोई किसी न किसी बिमारी से जूझ रहा है, हजारो परहेज है पर हम सब अपने दिल की मानकर गलत कर ही लेते हैं। आज का युवा जल्दबाजी में आकर या जो दिल को भाता है वही करते है और फिर  पछताते है। ऐसा नहीं है कि हमारा दिमाग हमें आगाह नहीं करता वो बार-बार चेतावनी देता है।

     इसका भी समाधान है कि अगर हम कोई भी फैसला लेने से पहले 10 से 15 मिनट अच्छे से विचार कर लें तो सही तरीके से सोच-समझकर काम कर सकते हैं। क्योंकि फैसले आवेश में नहीं बल्कि दिमाग से लेने चाहिए। 

       अब अंत में, मैं आपसे जानना चाहूंगी कि आप कैसे फैसला लेते है। और क्या परेशानी face करते हैं कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताए। 


धन्यवाद 

       

      

Sunday 3 March 2024

Sunday 24 September 2023

परिवर्तनी एकादशी पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन क्या करें क्या न करें

 



परिवर्तनी एकादशी, हिन्दू पंचांग के अनुसार, भगवान विष्णु के समर्पण का एक विशेष दिन है जिसे व्रत और पूजा के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है, और व्रती लोगों के पापों का क्षय होता है। इस धार्मिक पर्व के अवसर पर कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:


क्या करें:


1. उपवास: परिवर्तनी एकादशी को उपवास करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसका अर्थ है कि आपको इस दिन बिना अनाज, अदरक, लहसुन, प्याज, और शाकाहारी आहारों का सेवन नहीं करना चाहिए।


2. पूजा और आराधना: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करें। विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना भी अच्छा विचार है।


3. दान और चारित्रिकता: इस दिन दान करना भी बहुत पुण्यकारी होता है। आप गरीबों को आहार, वस्त्र, और धन दे सकते हैं।


4. भगवद गीता का पाठ: भगवद गीता के ज्ञान को अपने जीवन में अपनाएं और उसके मार्गदर्शन के साथ जीवन जीने का प्रयास करें।


5. ध्यान और मेधा: मानसिक शांति के लिए ध्यान और मेधा अभ्यास करें, जिससे आप अपने मानसिक और आत्मिक विकास में सहायक हो सकते हैं।


क्या न करें:


1. अनाज और शाकाहारी आहारों का सेवन न करें, क्योंकि यह व्रत के उपास्य होते हैं।


2. मिथ्याचार: किसी भी प्रकार के झूठ बोलने और अधर्मिक कृत्यों से बचें।


3. राग द्वेष: इस दिन किसी के प्रति राग और द्वेष को त्यागें और सभी के प्रति समर्पण और स्नेह बनाए रखें।


4. अधर्मिक कार्य: इस दिन कोई भी अधर्मिक कार्य न करें और धार्मिक साधना का पालन करें।


5. अशुभ विचार: नकारात्मक विचारों को मन से दूर रखें और पॉजिटिविटी के साथ यह दिन बिताएं।


परिवर्तनी एकादशी को मनाने से विष्णु भगवान के आशीर्वाद का अद्वितीय अनुभव होता है और यह भक्तों के जीवन को सफलता, श

एशियन गेम्स 2023 :- भारत की झोली में पांच पदक, तीन रजत और दो कांस्य; हॉकी टीम की बड़ी जीत

 



एशियन गेम्स 2023 का आयोजन इंडोनेशिया के जकार्ता और पेलंबंग में हुआ, जो 18 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक चले। यह खेल एशियाई महाद्वीप के खिलाड़ियों के बीच महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है, जिसमें विभिन्न खेलों में दुनिया भर से आए खिलाड़ियां भाग लेते हैं। इस बार, भारतीय टीम ने एशियन गेम्स में काबिलियत का परिचय दिया और अपने प्रदर्शन से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।


भारतीय टीम के प्रमुख रंगभरी प्रदर्शन का हाइलाइट हॉकी टीम का रहा, जिन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर सिकंदर बना दिया। हॉकी टीम ने फाइनल मैच में पाकिस्तान को हराया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इससे पहले ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले क्रिकेटर गौतम गम्भीर ने हॉकी टीम की सफलता को नेतृत्व किया।


इसके अलावा, भारतीय खिलाड़ियों ने अन्य खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन किया। तीन रजत पदक और दो कांस्य पदक भी जीतने का समर्थन किया और भारत के जीते गए पदकों की संख्या को बढ़ा दिया। यह वाकई भारतीय खेलों के लिए गर्व की बात है।


एशियन गेम्स 2023 में भारत के खिलाड़ियों की मेहनत, संघर्ष और प्रतिबद्धता को सराहना जाता है। ये पदक न केवल उनके प्रदर्शन का परिणाम हैं, बल्कि भारत के खिलाड़ियों की अगुआई में खेलने का सबूत हैं कि वे विश्व स्तर पर अपना नाम बना रहे हैं।


एशियन गेम्स 2023 का आयोजन महत्वपूर्ण खेल संघर्षों की एक दिलचस्प कड़ी थी और भारत के खिलाड़ियों ने उसे अपने जीवन की महत्वपूर्ण टिकटोक बना दिया। इन पदकों की जीत से भारतीय खेलों के प्रति रुझान बढ़ा है और हमें गर्व है कि हमारे खिलाड़ियों ने दुनिया के सामने अपनी शक्ति और साहस का प्रदर्शन किया।

बेटियों के प्रति समर्पण और प्यार का त्योहार - "बेटी दिवस"

 



      जब हम एक नई दुनिया में आते हैं, तो हमारे जीवन में एक छोटी सी परी आती है, जो हमारी धडकन और सपनों की राहत बन जाती है - हमारी बेटी। उनके आगमन का हर पल हमारे लिए खास होता है, और इस प्यार और समर्पण को मनाने के लिए हर साल हम "बेटी दिवस" मनाते हैं। यह त्योहार बेटियों के महत्व को साझा करने का मौका है और उनके साथी और परिवार के लोगों के द्वारा उनके समर्थन का प्रतीक है।


        बेटी दिवस का मतलब है बेटियों के साथ समर्पण का और उनके बचपन के साथ होने वाले प्यार का प्रमोट करना। इस दिन हम बेटियों को खुशियों की और साथी और परिवार के सभी सदस्यों के साथ वक्त बिताने का मौका देते हैं।


         बेटियाँ हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं। वे शिक्षा, संवाद, और समृद्धि का प्रतीक होती हैं। उनका संजीवन सा साथ हमें हमेशा समर्थन और प्यार देता है। बेटी दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी बेटियों के साथ उनके सपनों को पूरा करने का मौका देना चाहिए।


इस बेटी दिवस पर, हमें अपनी बेटियों के साथ समय बिताना चाहिए, उनके साथ उनके बचपन की कहानियों को सुनना चाहिए और उनके सपनों को साकार करने के लिए उन्हें प्रेरित करना चाहिए। हमें यह याद दिलाना चाहिए कि बेटियों का हर सपना महत्वपूर्ण होता है और हमें उनका समर्थन करना चाहिए।


इस बेटी दिवस पर, हमें बेटियों के साथ समर्पण और प्यार का त्योहार मनाना चाहिए, ताकि हमारे समाज में बेटियों को समर्थन और समानता मिले। यह त्योहार हमें यह सिखाता है कि बेटियाँ हमारी गर्व की बात हैं और हमें उन्हें हमेशा समर्थन और प्यार देना चाहिए।

Saturday 23 September 2023

Ronaldo Scores Twice as Al Nassr Edge 4-3 Thriller with Al Ahli

 



In the world of football, few names shine brighter than Cristiano Ronaldo's. The Portuguese superstar has consistently delivered moments of brilliance throughout his storied career, and on a fateful evening, he once again proved why he's considered one of the greatest footballers of all time. In a breathtaking encounter between Al Nassr and Al Ahli, Ronaldo scored twice, leading his team to a thrilling 4-3 victory.

The stage was set, the anticipation was palpable, and fans gathered in droves to witness Ronaldo's magic unfold on the pitch. From the first whistle, it was clear that this would be a match for the ages. Both teams displayed remarkable skill, but it was Ronaldo who emerged as the catalyst for Al Nassr's remarkable victory.

The first half was a rollercoaster ride of emotions. Al Ahli struck early, taking a 2-0 lead, leaving Al Nassr supporters stunned. But this was a night that belonged to Ronaldo. With characteristic composure, he pulled one back for his team, showcasing his innate ability to score when it matters most. His first goal was a demonstration of poise and precision, as he slotted the ball past the Al Ahli goalkeeper.

As the first half drew to a close, Ronaldo struck again, this time with a breathtaking header that sent the stadium into raptures. His timing and aerial prowess were on full display as he equalized the scoreline at 2-2. The halftime whistle blew, but the excitement was far from over.

The second half continued to deliver drama and thrills. Al Ahli regained the lead, making it 3-2, but Al Nassr fought back with determination. The entire team rallied around Ronaldo, who was leading by example. His leadership on the pitch was as crucial as his goals, inspiring his teammates to push forward relentlessly.

In the dying moments of the match, with time running out, Ronaldo once again took center stage. A free-kick opportunity presented itself, and he stepped up with the weight of the game on his shoulders. In a moment of sheer brilliance, Ronaldo's strike found the back of the net, sealing a remarkable 4-3 victory for Al Nassr.

The stadium erupted in joy as fans celebrated the extraordinary comeback. Ronaldo had not only scored twice but had also provided the spark that ignited his team's fighting spirit. His performance was a testament to his enduring talent and unwavering determination to succeed.

Ronaldo's impact on the match extended beyond the scoreboard. His presence on the field brought a sense of belief to Al Nassr, instilling confidence in his teammates that they could achieve the impossible. He was not just a scorer of goals; he was a leader, a motivator, and a symbol of excellence.

As the final whistle blew, the significance of Ronaldo's performance began to sink in. In a match that will be etched in football history, he had delivered a masterclass in footballing artistry. His two goals and his overall influence on the game were a reminder of why he is considered one of the greatest footballers of his generation.

In the annals of football, there are moments that live on forever, and Ronaldo's performance in the 4-3 thriller with Al Ahli will undoubtedly be one of them. It was a night when a footballing legend showcased his brilliance once more, leaving fans and pundits alike in awe. Cristiano Ronaldo had not just scored twice; he had etched his name in the hearts of football fans around the world, proving that age is just a number for a true footballing maestro.

Thursday 8 September 2022

प्रभु श्री कृष्ण जी

  नमस्कार मित्रों,

      आपका फिर से सह्रदय स्वागत हैं मेरे ब्लॉग में. मैं आपसे क्षमाप्राथी हूं कि काफी समय से मैंने कुछ नहीं लिखा. हालांकि मेरे ब्लॉग पढ़ने वालों की संख्या कोई खास नहीं है, फिर भी वह कुछ लोग जो मेरा ब्लॉग पढ़ते है उनसे दिल से क्षमा.



   आज मैं अपने लेख में भगवान श्री कृष्ण जी के बारे में लिखुंगी. भगवान श्री कृष्ण जी का नाम मुख पर आते ही उनकी मनमोहक छवि हृदय और आंखों में छा जाती है. आज हम यही चर्चा करेंगे कि कुछ लोग कहते हैं कि प्रभु श्री कृष्ण हैं कौन? तो हम बताते है कि वह है कौन....


श्री कृष्ण जी वो है जो पहली गाली सुनने पर ही सिर धड़ से अलग करने का सामर्थ रखते हुए भी ,प्रभु ने 99 गालियां सुनी.

  श्री कृष्ण जी वो हैं जो कि द्वारिका के राजा थे. परंतु फिर भी  उनके मित्र श्री सुदामा जी थे.


श्री कृष्ण जी वो हैं जो मृत्यु के फन पर खड़े होने पर भी नृत्य करते रहे.
श्री कृष्ण जी वो हैं जिनके पास 'सुदशृन चकृ' था. किन्तु उनके हाथों में हमेशा बांसुरी रहती थी.

श्री कृष्ण जी वो है जो कि सर्व सामर्थ्य होने पर भी सारथी बने.

 अब तो आप सब जान गये होंगें कि ऐसे है हमारे मनमोहक श्री कृष्ण जी. इसलिए सब मिलकर बोलो:-

 "जय श्री राधे कृष्णा जी की"

 अंत में दो पक्तियां

उन नयनो में कहां बसे स्वपन
जिन नयनों में बसे हो श्री कृष्णं







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