नमस्कार साथियों,
आज हम बात कर रहे हैंअपने समाज में लड़कियों की सुरक्षा के बारे में। याद कीजिए जब निर्भया काण्ड हुआ था। तब सभी लोगों ने अपने घर की लड़कियों को समझाना शुरू कर दिया था और अब भी समझाते हैं। यहां मत जाओ, समय से घर आना, सेलफ
डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाने लगी। और साथ ही साथ की हेल्प लाइन नंबर बने, की ऐप्स बनी।
इसके बाद बारी आती छोटे बच्चों की। जिनके साथ यह हैवानियत की खबरें आती रहती है। फिर हम उन्हें समझाते हैं किसी भी अनजान आदमी के साथ नहीं जाना, कुछ नहीं लेना, उन्हें गुड टच व बेड टच के बारे में जानकारी देते हैं।
हद हो गई इंसानों की। अब उन्होंने मासूम बेजुबान जानवरों को भी नहीं छोड़ा। हवस इतनी आदमी पर हावी हो गई है कि वह हद से ज्यादा गिर गया है। अब आप ही बताएं कि इनको हम क्या समझाए।
क्या आपने कभी सोचा है कि इस सब पर रोक क्यों नहीं लगती, क्यों लोग यह नीच काम करते हुए डरते नहीं है।
इसके भी दो कारण हैं:-
१. आज तक जितनी भी घटनाऐ हुई है उसके बाद हमने अपनी बेटियों को ही समझाया कभी अपने बेटों, भाईयों को समझाया कि किसी लड़की को छेडना गलत बात है। वो कैसे दोस्तों के साथ घूम रहे हैं, घण्टों मोबाइल पर वह क्या देखते हैं। हमें इन सब बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
२. लोग झट ट्रेफिक पुलिस को देखते ही अपने हेलमेट पहन लेते है डर के मारे, मगर लड़कियों को छेड़ने में उन्हें डर नहीं लगता। जानते हो क्यों, क्योंकि उन्हें किसी का डर नहीं है। अगर इसके लिए भी कड़े कानून बन जाएं तो इनमें भी कमी आ सकती है। क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो डर से ही सुधर सकता है।
अंत में, मैं यही कहूंगी कि अपने बच्चों का ध्यान रखें। उन्हें सुरक्षित रखें।
आज हम बात कर रहे हैंअपने समाज में लड़कियों की सुरक्षा के बारे में। याद कीजिए जब निर्भया काण्ड हुआ था। तब सभी लोगों ने अपने घर की लड़कियों को समझाना शुरू कर दिया था और अब भी समझाते हैं। यहां मत जाओ, समय से घर आना, सेलफ
डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाने लगी। और साथ ही साथ की हेल्प लाइन नंबर बने, की ऐप्स बनी।
इसके बाद बारी आती छोटे बच्चों की। जिनके साथ यह हैवानियत की खबरें आती रहती है। फिर हम उन्हें समझाते हैं किसी भी अनजान आदमी के साथ नहीं जाना, कुछ नहीं लेना, उन्हें गुड टच व बेड टच के बारे में जानकारी देते हैं।
हद हो गई इंसानों की। अब उन्होंने मासूम बेजुबान जानवरों को भी नहीं छोड़ा। हवस इतनी आदमी पर हावी हो गई है कि वह हद से ज्यादा गिर गया है। अब आप ही बताएं कि इनको हम क्या समझाए।
क्या आपने कभी सोचा है कि इस सब पर रोक क्यों नहीं लगती, क्यों लोग यह नीच काम करते हुए डरते नहीं है।
इसके भी दो कारण हैं:-
१. आज तक जितनी भी घटनाऐ हुई है उसके बाद हमने अपनी बेटियों को ही समझाया कभी अपने बेटों, भाईयों को समझाया कि किसी लड़की को छेडना गलत बात है। वो कैसे दोस्तों के साथ घूम रहे हैं, घण्टों मोबाइल पर वह क्या देखते हैं। हमें इन सब बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
२. लोग झट ट्रेफिक पुलिस को देखते ही अपने हेलमेट पहन लेते है डर के मारे, मगर लड़कियों को छेड़ने में उन्हें डर नहीं लगता। जानते हो क्यों, क्योंकि उन्हें किसी का डर नहीं है। अगर इसके लिए भी कड़े कानून बन जाएं तो इनमें भी कमी आ सकती है। क्योंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जो डर से ही सुधर सकता है।
अंत में, मैं यही कहूंगी कि अपने बच्चों का ध्यान रखें। उन्हें सुरक्षित रखें।
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