पिता
एक बच्चा खड़ा था टोली में।
कह रहा था अपनी प्यारी बोली में।।
म्हारे बापू जैसा कोई नहीं इस जहाँ में।
इस जहाँ में।।
हमने भी मुस्करा कर पूछा उस प्यारे बालक से।
बता क्या ऐसा है तेरे बापू में जो इस जहाँ में उन जैसा कोई नहीं।
बोला वो अकड़ कर
माँ म्हारी ममता की छाँव है,
पर बापू मेरा पूरे परिवार की ढाल है।।
न आने देवे कोई दुख हम तक।
पूरे करे सारे सपने जो हमने देखे अब तक।।
नन्हीं सी थी बोली वो , पर बात बिल्कुल सही है।
बापू चाहे जिसका हो, वो होता लाजवाब है।।
अपने परिवार व बच्चों पर आने वाली हर तकलीफ का उसके पास जवाब है।
अपनी छत्र छाया के नीचे रखता,
पूरे परिवार को सुखी।
दुखों को करता दूर,
अपनी इच्छा मार करता
सबकी इच्छाऐं पूरी।।
इसीलिए पिता को उस परमेश्वर के जैसा कहा गया।
और उस ऊपर वाले को भी
परमपिता परमेश्वर कहा गया।।
Nice thoughts
ReplyDeletenice
ReplyDeleteGrt 💓
ReplyDeleteGood mam
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