Saturday, 12 May 2018

माँ


मैंने इस जहाँ में भगवान नहीं देखा।
जब भी देखा, अपनी माँ को ही देखा।।

जब खोली मैंने पहली बार आँखें।
जो दिखा चेहरा पहली बार वो था माँ आपका।।
वो प्यारा सपरश, वो ममतामयी गोद।
असहनीय पीड़ा सहने के बाद, मुझे देखकर
वो सुकून भरी मुसकराहट।।
वो आपकी थी माँ।

वो आँचल तेरा जिसमें, मैं पली-बड़ी।
हर जरूरत की चीज, वक्त से मुझे मिली।।
बड़ी से बड़ी मुशकिल तुमको बताते ही
गायब हो गई।
एक भरोसा तेरा, एक सहारा तेरा माँ।।
जिसके बल से मैं आगे बड़ी।
जब भी कभी कोई मुशकिल हो या लगे चोट
तो मुँह से निकलता है हे माँ।।
क्योंकि यह वह जादुई शब्द है जो
सब तकलीफें देता भगा।
तेरे प्यार व त्याग की कोई तुलना नहीं।।
तू आदरणीय, तू पूजनीय, तू ममतामयी।
पर आज तेरा और सही मायनों में मोल
पता चला।।
क्योंकि आज मैं भी आपकी तरह हूँ
एक मां।
 भगवान का दूसरा रूप है माँ।
भगवान की असीम कृपा है माँ।।
जिसके पास है माँ, उसके पास है सारा जहाँ।
इसलिए हे प्रभू हर घर में हो एक प्यारी
               माँ
 


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