सर्दियों की हल्की-सी शाम थी।
मैं शहर के एक छोटे से कॉफी कैफ़े में काम करती थी।
हर दिन कई लोग आते, पर कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जो दिल में घर बना लेते हैं|
उन्हीं में से एक था आरव।
शान्त, कम बोलने वाला, हमेशा खिड़की वाली सीट चुनता।
और रोज़ वही ऑर्डर
“एक हॉट मोचा,बिना चीनी, लेकिन extra choco drizzle.”
धीरे-धीरे मुझे उसकी ये आदतें याद हो गईं।
और पता नहीं कैसे? पर मैं उसके आने का इंतज़ार करने लगी।
एक अजीब सी बात
आरव अक्सर अपने फोन की notes app में कुछ लिखता रहता था।
Kabhi मुस्कुराकर, कभी सोच में डूबकर।
और
कभी-कभी वो लिखते लिखते मेरी तरफ देख लेता था।
बस कुछ सेकंड, बस इतने से ही मेरा दिल सांतवे आसमां में उड़ने लगा|
ना कभी उसने मुझे message किया, न मैने उसे, पल उसके उन छोटे-छोटे gestures ने मुझे ये महसूस कराया कि शायद वो मेरे लिए कुछ महसूस करता है।
और यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी|
फिर एक दिन
आरव तीन दिन तक कैफ़े नहीं आया।
मुझे समझ नहीं आ रहा था क्यों पर मैं बैचेन सी हो गई थीं।
चौथे दिन वो आया , पर अकेला नहीं।
उसके साथ एक लड़की थी।
उसकी बाँह पर हाथ रखे हुए हँसती हुई
मेरे अंदर कुछ टूट गया।
आरव ने counter की तरफ देखा भी नहीं।
बस उस लड़की के साथ जाकर बैठ गया — उसी सीट पर जहाँ वो रोज़ बैठता था।
सबसे बड़ा सच
बिलिंग के वक़्त वो लड़की मेरी तरफ मुस्कुराकर बोली—
"हैलो, डीयर thank you आरव ने बताया था कि यहां कि काफी कितनी perfect होती है.
आखिरी समय भी यहीं बैठकर उसने मेरे लिए बड़े लम्बे-लंम्बे message लिखे थे |
मेरे हाथ कांप गए।
तो जो नोटस मैं रोज़ समझती थी
की शायद मेरे लिए है
वो असल में उसी लड़की के लिए थे।
जो नज़रे मैं अपनी तरफ समझती रही…
वो सिर्फ उसकी आदत थी — not love.
तब मुझे समझ आया
मैंने उसकी खामोशी को कहानी बना ली थी।
जो कभी थी ही नहीं।
वो दोनों अब जाने लगे
और जाते-जाते आरव पलटा, मुझे देखा और धीरे से बोला
“Thanks… हमेशा अच्छे से behave करने के लिए.
आप बहुत अच्छे हो… बस मेरी कहानी का हिस्सा नहीं हो”
बस वही शब्द बहुत थे
मेरे सारे के सारे सपने तोड़ने के लिए
और मुझे सच का आईना दिखाने के लिए
अंदर में
उस दिन कैफ़े बंद करने के बाद
मैंने पहली बार अपने लिए कॉफ़ी बनाई
ज्यादा चीनी के साथ
और यह फैसला किया
आगे से किसी की आंखों में कहानी देखने से पहले
अपने दिल का ख्याल रखूंगी|

Oh no coffee girl 👧
ReplyDeleteBahut achi story
ReplyDelete