नमस्कार दोस्तों,
आज मैं सबसे पहले आप लोगों को धनतेरस व आने वाली दीवाली वो अन्य त्यौहारों की शुभकामनाएं देना चाहती हूं। दीवाली का त्यौहार रोशनी व पटाखों से पहचाना जाता है।
हम जब छोटे थे तो हमारी दिवाली १-२ हफ़्ते पहले ही शुरू हो जाती थी। परन्तु आज कल ऐसा नहीं दिखाई देता है। आज-कल की प्रदूषण की समस्या के कारण इस त्यौहार पर काफी प्रभाव पड़ा है। पिछले साल इसी प्रदूषण के कारण सरकार ने पटाखे बेचने व जलाने पर रोक लगाई थी। परंतु इस बार सरकार ने पटाखे जलाए जाने का समय निर्धारित कर दिया है। जिसके कारण बहुत से लोग नाराज़ भी है। चलो इनकी नाराजगी को हम सही मानते हैं। परंतु एक बात बताएं कि इस रोक कारण क्या है।
और इसके जिम्मेदार कौन है। क्योंकि सरकार को पटाखे बंद करने से क्या फायदा है? फायदा उसे है जो कि अस्थमा का रोगी है, और या वो जिसका सांस घुटता है। और सच मानिए इस प्रदूषण के कारण ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए आज हम कुछ सावधानियों के बारे में बताएंगे।
१. जब भी पटाखे जलाए , इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आस-पास कोई अस्थमा का रोगी न हो। क्योंकि सच मानिए यह दिन इनके बहुत मुश्किल से निकलते हैं।
२. जिन्हें यह problem हो वह ज्यादा बाहर न निकलें।
सुबह-शाम पानी में तुलसी व पुदीने की पत्तियां डालकर, उबाल कर उसकी भाप लें।
गुड़, शहद व लहसुन का सेवन करें। (High blood pressure) वाले रोगी कम मात्रा में इसका सेवन करें।
३. पटाखे हमेशा बड़ों के साथ जलाने चाहिए।
४. पटाखे हमेशा खुले स्थान पर जलाएं।
५. पटाखे जलाते समय सूती व अधिक खुले कपड़े न पहनें।
६. पटाखे जलाते समय पानी की एक बाल्टी अपने पास रखें। जैसे ही पटाखे बुझने लगें उस पर पानी डाल दें। इससे धूंआ अधिक नहीं होगा।
आशा करती हूं कि आप सब इन बातों का ध्यान रखेंगे वो एक सुरक्षित दीवाली मनाएंगे।
आज मैं सबसे पहले आप लोगों को धनतेरस व आने वाली दीवाली वो अन्य त्यौहारों की शुभकामनाएं देना चाहती हूं। दीवाली का त्यौहार रोशनी व पटाखों से पहचाना जाता है।
हम जब छोटे थे तो हमारी दिवाली १-२ हफ़्ते पहले ही शुरू हो जाती थी। परन्तु आज कल ऐसा नहीं दिखाई देता है। आज-कल की प्रदूषण की समस्या के कारण इस त्यौहार पर काफी प्रभाव पड़ा है। पिछले साल इसी प्रदूषण के कारण सरकार ने पटाखे बेचने व जलाने पर रोक लगाई थी। परंतु इस बार सरकार ने पटाखे जलाए जाने का समय निर्धारित कर दिया है। जिसके कारण बहुत से लोग नाराज़ भी है। चलो इनकी नाराजगी को हम सही मानते हैं। परंतु एक बात बताएं कि इस रोक कारण क्या है।
और इसके जिम्मेदार कौन है। क्योंकि सरकार को पटाखे बंद करने से क्या फायदा है? फायदा उसे है जो कि अस्थमा का रोगी है, और या वो जिसका सांस घुटता है। और सच मानिए इस प्रदूषण के कारण ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसलिए आज हम कुछ सावधानियों के बारे में बताएंगे।
१. जब भी पटाखे जलाए , इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आस-पास कोई अस्थमा का रोगी न हो। क्योंकि सच मानिए यह दिन इनके बहुत मुश्किल से निकलते हैं।
२. जिन्हें यह problem हो वह ज्यादा बाहर न निकलें।
सुबह-शाम पानी में तुलसी व पुदीने की पत्तियां डालकर, उबाल कर उसकी भाप लें।
गुड़, शहद व लहसुन का सेवन करें। (High blood pressure) वाले रोगी कम मात्रा में इसका सेवन करें।
३. पटाखे हमेशा बड़ों के साथ जलाने चाहिए।
४. पटाखे हमेशा खुले स्थान पर जलाएं।
५. पटाखे जलाते समय सूती व अधिक खुले कपड़े न पहनें।
६. पटाखे जलाते समय पानी की एक बाल्टी अपने पास रखें। जैसे ही पटाखे बुझने लगें उस पर पानी डाल दें। इससे धूंआ अधिक नहीं होगा।
आशा करती हूं कि आप सब इन बातों का ध्यान रखेंगे वो एक सुरक्षित दीवाली मनाएंगे।
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