सेजल अपनी पाँच पक्की सहेलियों के साथ स्कूल ट्रिप पर गई हुई थी। यह 8 से 10 दिनों का सफर था और सब बेहद खुश थे। जिस होटल में वे ठहरी थीं, उसके आसपास का माहौल शांत और सुकून भरा था।
ट्रिप खत्म होने में अभी दो दिन बाकी थे कि अचानक उस इलाके की शांति टूट गई। वहाँ के एक बेहद मशहूर, नेकदिल और मददगार व्यक्ति की हत्या कर दी गई। यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। हैरानी की बात यह थी कि सेजल और उसकी सहेलियाँ उस व्यक्ति को कई बार देख चुकी थीं। उसकी पहचान हर कोई जानता था।
अगले दिन उसकी अंतिम यात्रा निकलनी थी और उसी दिन उन्हें भी वापस दिल्ली लौटना था। होटल के मैनेजर ने टीचर को सलाह दी कि वे सुबह की बजाय शाम को निकलें, क्योंकि सुबह बहुत भीड़ रहेगी। टीचर को बात ठीक लगी।
सुबह सेजल और उसकी सहेलियाँ जल्दी उठ गईं। नाश्ता तैयार होने में समय था, इसलिए उन्होंने नीचे टहलने का फैसला किया। सब यह भूल चुकी थीं कि आज अंतिम यात्रा निकलनी है। रिसेप्शन खाली था।
जैसे ही वे होटल के पास वाले बड़े पेड़ तक पहुँचीं, उन्होंने देखा कि भीड़ उनकी ओर ही आ रही है। अब लौटना मुमकिन नहीं था। सभी सड़क के किनारे खड़ी हो गईं।
लोग फूल बरसाते हुए शव को ले जा रहे थे। तभी अचानक कुछ फूल सेजल और जैनब पर आकर गिरे। उसी पल दोनों ने एक अजीब-सी ठंडक महसूस की—मानो किसी ने बर्फ छूकर छोड़ दी हो। यह एहसास सिर्फ उन्हीं दोनों को हुआ। भीड़ गुजर गई। दोनों ने वे फूल पेड़ के नीचे रख दिए और होटल की ओर लौट आईं। रास्ते में सेजल ने सब से पूछा कि क्या किसी को अचानक बहुत ठंडी हवा महसूस हुई थी। सभी ने मना कर दिया। सिर्फ जैनब ने हाँ कहा। यही बात दोनों को परेशान करने लगी—आख़िर सिर्फ उन्हीं दोनों के साथ ऐसा क्यों हुआ?
शाम चार बजे बस दिल्ली के लिए रवाना हो गई। सफर हँसी-मजाक में कट गया। शुक्रवार रात सभी अपने-अपने घर पहुँच गईं।रविवार की रात सेजल गहरी नींद में थी कि अचानक उसने एक सपना देखा। वह और उसकी सहेलियाँ उसी पहाड़ी जगह पर थीं। तभी उसके सामने वही व्यक्ति आया, जिसकी हत्या हो चुकी थी।
उसने सेजल और जैनब को पुकारा और कहा, “मैंने तुम दोनों को चुना है। मेरे कातिल का सच सिर्फ तुम सामने ला सकती हो।”
सेजल डरते हुए बोली,
“हम तो बहुत छोटे हैं… और अगर कातिल को पता चल गया तो वह हमें भी नुकसान पहुंचा सकता है।” वह बोला, “फूलों का तुम्हारे पास गिरना ऊपर वाले का इशारा था। उसी पेड़ के नीचे मेरा मोबाइल दबा है। उसमें सब सबूत हैं। मोबाइल होटल के मैनेजर को दे देना, वही आगे सब संभाल लेगा।” यह कहते ही सपना टूट गया। सेजल पसीने से भीग चुकी थी।
अगले दिन स्कूल में उसने जैनब से बात की। यह जानकर वह हैरान रह गई कि जैनब को भी बिल्कुल वही सपना आया था। अगली रात फिर वही सपना दोहराया गया।
अब दोनों ने अपने-अपने माता-पिता को सब कुछ बता दिया। शुरुआत में किसी को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन सपनों की एक-जैसी बातें सुनकर वे मान गए।
वे दोबारा उसी जगह पहुँचे। सुबह सबसे पहले उस पेड़ के पास गए। कई जगह खोदने के बाद भी कुछ नहीं मिला। तभी उनकी नज़र उन फूलों पर पड़ी, जो पहले वहाँ रखे गए थे।
वहीं खोदने पर उन्हें एक मोबाइल फोन मिला—बिना लॉक का। फोन खोलते ही सब सन्न रह गए। उसमें हत्या की पूरी रिकॉर्डिंग थी—कौन, कैसे और क्यों। बिना समय गंवाए मोबाइल होटल के मैनेजर को सौंप दिया गया। मैनेजर ने भरोसा दिलाया कि अब आगे सब संभाल लिया जाएगा।
कुछ दिनों बाद टीवी पर खबर आई—हत्यारा सभी सबूतों के साथ गिरफ्तार। सेजल और जैनब का नाम कहीं नहीं आया।
उसी रात दोनों ने एक आख़िरी सपना देखा—वह व्यक्ति मुस्कुराते हुए उन्हें धन्यवाद कह रहा था।
दोनों ने चैन की साँस ली…
और सुकून की नींद सो गईं।

Oh my god
ReplyDeleteWhat a story❤️
ReplyDeleteReally interesting like a movie 🤞
ReplyDeleteKamal hai
ReplyDeleteWow mummmmy❤️bahut achi🏆
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